प्रस्तावना
मेरा नाम कार्तिक कुमार है, और मैं उत्तरप्रदेश राज्य के एक छोटे से गाँव मे रहता हूँ। आप शीर्षक पढ़ के समझ ही गए होगे, की इस लेख मे आज किसके बारे मे बात करेंगे। इस लेख मे आज हम बात करेंगे केदारनाथ मंदिर मे मेरा अनुभव का। जो की बहुत ही अच्छा रहा। ऐसे तो मै कई जगहों पे घूमता ही रहता हूँ, पर जब मैंने केदारनाथ मंदिर के बारे मे सुना तो, मुझे बहुत अच्छा लगा पर बाद मे लगा की, ये केदारनाथ मंदिर भी बाकी सब मंदिरों की तरह ही होगा। और वहाँ जाने के बारे मे नही सोचा, पर पिछले साल जब एक मेरा दोस्त केदारनाथ मंदिर घूमने गया। तो उसने बहुत सारी बातें बताई। और बोला की तुम इतने सारे जगहों पे घूमने जाते हो, कभी केदारनाथ मंदिर क्यों नही जाते हो। केदारनाथ मंदिर बहुत ही पवित्र धामों मे से एक है। जहाँ पे जा कर तुमको बहुत सारी बातों का ज्ञान होता है। इतना सुन कर मेरा मन भी केदारनाथ मंदिर जाने का हुआ। और जिसके बाद मैंने अपने घर मे बताया की मुझे केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने जाना है। जिसको सुनते ही मेरे घर वाले बिलकुल ही माना कर दिये। क्योंकि वहाँ बहुत ही खतरा रहता है, और बहुत सारे हादसा होते रहते है। पर मैंने जो-जो बातें अपने दोस्त से सुनी थी, उसके बाद मेरा मन बिलकुल नही मान रहा था। मुझे केदारनाथ मंदिर जाना ही था। जिसके बाद मै अपने दोस्त के यहाँ दोबारा गया, और उस से पूछा की वहाँ खतरा होता है, क्या। तब उनसे बताया की बहुत ही ज्यादा, खतरा तो बहुत ही होता है।
तब मैंने उस से पूछा की तो तुम कैसे गए थे। जिस पर उसने बताया की वो केदारनाथ यात्रा पैकेज (kedarnath yatra package) का उपयोग कर के जिस से उसको बहुत ही मदद मिली थी। क्योंकि उसे भी केदारनाथ मंदिर के बारे मे कुछ खास नही पता था। जिसके बाद मैंने उस से पूछा की कोन सी कंपनी के मदद से गए, तब उसने उस कंपनी का नाम बताया था। जिसके बाद मैंने भी उसी कंपनी से केदारनाथ यात्रा (kedarnath yatra) करने के लिए पैकेज बूक कर लिया। जिसके बाद मुझे ये पता चला की मंदिर लगभग 10 से 15 दिनों के बाद बंद होने वाला था। तब मैंने जल्दी-जल्दी अपना सारा सामना बांधना सुरू किया, और अपने घर वालों को बताया की केदारनाथ यात्रा करने ग्रुप (kedarnath group tour) मे जा रहे है, जो की एक कंपनी ले जा रही है। जिसके के लिए वो कीमत (kedarnath yatra cost) भी ले रही है। जिसके बाद मेरे घर वाले केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने के लिए माने।
केदारनाथ यात्रा करने के लिए कंपनी वाले ने 9500 रुपया प्रति व्यक्ति लिए थे, जिस मे वो हमे हरिद्वार से लेने आते है और हरिद्वार ही छोड़ते है। जिसके बाद उन्होने मुझे रहने के एक होटल, सुबह का नस्ता और खाने के लिए भी दिये। और साथ मे एक मार्ग दर्शक भी दिये। जो की मुझे हर रास्ते के बारे मे जानकारी देते जाए, और उस जगह के बारे मे भी बताते जाए। उनका जो मार्गदर्शक होता है, वो लोग पूरी तरह से प्रशिक्षित रहते है। वो लोग आपको बिलकुल सही-सही रास्ते से ले जाते है। जिस से आपको अपने यात्रा के दौरान कोई संकट न हो, इसका वो लोग पूरी तरह से ध्यान देते है।
अब मुझे पता चल रहा था, की मेरा दोस्त केदारनाथ ,मंदिर का इतना तारीफ क्यों कर रहा था। इस जगह की जितनी तारीफ करो उनती ही कम है। क्योंकि आपको यहाँ आ कर ही समझ आता ही, की इस जगह की क्या मान्यता है। जब मै केदारनाथ मंदिर के पास आया तो मुझे बहुत ही चीज़ों का ज्ञान प्राप्त हुआ।
अब बात करते है, केदारनाथ मंदिर की इसकी क्या मान्यता है, और आपको कहाँ से इसकी यात्रा सुरू करनी होगी।
केदारनाथ मंदिर
केदारनाथ मंदिर जा कर मुझे पता चला की ये मंदिर गढ़वाल क्षेत्र मे हिमालय पे बसा हुआ है, जिसकी समुद्र से ऊंचाई लगभग 3583 मिटर की है। जहाँ पे यात्रा करना बहुत ही मुसकिल है, पर भगवान शिव के आशीर्वाद से आप सभी मुसकीलों को पार कर के, केदारनाथ मंदिर तक चले ही जाते हो। इस मंदिर की ये मान्यता है, की यहाँ भक्त अपने पापों का प्रयाश्चित करने आते है। क्योंकि यही वो स्थान है, जहाँ पे पांडव को अपने पापों का प्रयाश्चित करने का मौका मिला था, और पांडव ने इस मंदिर का निर्माण भी किए थे।
केदारनाथ मंदिर ऐसे तो खुद मे ही बहुत बड़ा धाम है,पर साथ-ही साथ 12 ज्योतृलिंगा, पंच केदार, दोधाम यात्रा और छोटा चारधाम यात्रा का एक अहम हिस्सा है।
केदारनाथ मंदिर आने बाद मुझे ये पता चला की, ये मंदिर वर्ष के 6 माह ही खुले होते है। क्योंकि बाकी के 6 माह यहाँ पे इतनी बर्फ पड़ती है, की यहाँ कोई आ नही सकता है। एक पंडित से पूछने के बाद मुझे ये पता चला की यहाँ बाकी 6 माह खुद भगवान शिव आ कर तपस्या करते है, जिसके कारण यहाँ इतनी बर्फ पड़ती है, की यहाँ लोग ना आ सके और वो अपने तप मे लिन रहे।
केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुण्ड से सुरू होता है, जो की इसका आधार शिवर है। यहाँ से आपको लगभग 16 किलोमेटर का पैदल यात्रा करना पड़ता है, जो बहुत ही दुर्गम यात्रा होती है।